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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

मंगलवार, 15 नवंबर 2016

नवसृजन साहित्यिक संस्था की काव्य गोष्ठी संपन्न ...डा श्याम गुप्त .....



संस्थाके महामंत्री देवेश द्विवेदी देवेश का कुशल संचालन

अध्यक्षीय भाषण-डा रंगनाथ मिश्र सत्य

                                   ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

                   दि १३-११-16 रविवार को   मेथमेटिकल  स्टडी सर्किल, राजाजीपुरम लखनऊ में   नवसृजन संस्था की काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ| जिसमें लगभग 3० कवियों ने काव्य पाठ किया |
                 गोष्ठी में कविवर सूर्य प्रसाद  मिश्र हरिजन  कविता के तीन प्रकार का उल्लेख किया विवेचना में   मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त द्वारा  कथ्य शक्तियाँ अभिधा, लक्षणा  व व्यंजना का विवरण उदहारण सहित प्रस्तुत किया गया साथ ही कविता में वचन -बहुवचन/ एक वचन की विसंगतियों पर भी सभा का ध्यान आकृष्ट किया |



माँ सरस्वतीका माल्यार्पण -मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त , अध्यक्ष डा रंगनाथ मिश्र सत्य एवं विशिष्ट अतिथि कुमार तरल
संस्थाके अध्यक्ष डा योगेश गुप्त का काव्य पाठ

विशाल मिश्रा का काव्य पाठ
श्री कृष्ण द्विवेदी का काव्य पाठ





कुमार तरल काव्यपाठ करते हुए
विद्यासागर मिश्र का काव्यपाठ
 

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