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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शनिवार, 9 जनवरी 2016

अखिल भारतीय अगीत परिषद् की नव वर्ष २०१६ की प्रथम गोष्ठी ---डा श्याम गुप्त ...

                                ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...


अखिल भारतीय अगीत परिषद् की नव वर्ष २०१६ की प्रथम गोष्ठी ---डा श्याम गुप्त ...

                       




                 ३ जनवरी २०१६ रविवार ---१९६६ से अटूट क्रम से निरंतर चली आ रही, माह के प्रत्येक प्रथम रविवार को होने वाली अखिल भारतीय अगीत परिषद् की नववर्ष २०१६ की प्रथम गोष्ठी अगीत विधा के संस्थापक साहित्यभूषण डा रंगनाथ सत्य मिश्र के आवास अगीतायन , राजाजी पुरम लखनऊ पर सदा की भांति आयोजित हुई |
             गोष्ठी के अध्यक्षता डा रंगनाथ मिश्र सत्य ने की | मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त व विशिष्ट अतिथि कविवर श्री ओमनीरव जी थे |
             डा सुरेश प्रकाश शुक्ल, पार्थो सेन, डा योगेश गुप्त, शिव मंगल सिंह मंगल, सुभाष हुड़दंगी, रामप्रकाश शुक्ल, बेअदब लखनवी , मुरली मनोहर कपूर, आदि लगभग ३० कवियों ने विविध रंगों में कवितायें प्रस्तुत कीं |

          केन्द्रीय कवि के रूप में श्री ओम नीरव जी द्वारा विभिन्न कवितायें प्रस्तुत की गयीं , जिन पर प्रत्येक कवि द्वारा संक्षिप्त सारगर्भित टिप्पणी भी  प्रस्तुत की गयी |



चित्र१. अध्यक्ष डा रंगनाथ मिश्र सत्य, मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त एवं विशिष्ट अतिथि कविवर ओम नीरव.....
चित्र-२- व ३.... डा योगेश , डा सुरश प्रकाश शुक्ल व अन्य कविगण






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